Monday, February 4, 2019

कागज़ की नाव

तुम भी,
मेरे साथ आओ
फूलों की खुशबू में,
ताली बजाओ
तोते की आँख में,
ऊँगली डालो
चिड़िया के घोसले में,
चद्दर बिछाओ.
आओ,
हम दोनों,
मिट्टी का घर बनाए........
थोली सी मिट्टी खाएं......
कल,
तुमने जो सुनाई थी कहानी
दो बिल्लियों का झगड़ा,
और
बंदर की बेईमानी
आओ,
उनका झगड़ा सुलझाएं
फिर से,
उन्हें दोस्त बनाएं
उनकी दावत में,
शामिल हो जाए
......माँ......
यह बारिश कहां से आती है?
फिर,
क्यों गुम हो जाती है ?
क्या तुम्हारी आँखों में छुप जाती है?
जब तुम, लोरी सुनाती हो,
और सब भूल जाती हो
करती हो बंद आँखें
मुझे गले लगाती हो
तब जो निकलता है,
गोल गोल पानी
क्या वह बारिश बन जाता है........?
तुम जादा जादा,
बारिश लाया करो,
मैं कागज़ की नाव बनाऊंगी,
तुम्हें नानी के घर ले जाऊंगी
......माँ......
इधर आओ, अपना कान लाओ
एक जलुली बात बतानी है,
तुमने मुझे कहां से लाया था......?
क्या सब्ज़ी मंडी से?
फिर फूलों की दुकान से ?
याँ बच्चों के बाज़ार से?
नानी कहती है,
तुमने मुझे......आसमान से लाया था,
क्या......? परी माँ से चुराया था....? 
.........माँ.......
तुम्हें लोरी गाना किसने सिखाया,
खीर बनाना भी......?
तुम मेरी फ्रॉक कहां से लाती हो...?
कैसे गुड़िया के कपड़े बनती हो .....?
उसकी चोटी में क्यों रिबन लगाती हो,
मेरी गुड़िया की शादी में ढोलक बजाती हो
तुम्हें......क्या,
सब कुछ करना आता है
तुम मुझे सुलाती हो,
तुम्हीं सुबह जगाती हो
.......तुम.......
क्यूँ जागती रहती हो?
क्या......तुम्हें,
सोना नहीं आता है.....?
नानी ने नहीं सिखाया था,
टीचर ने नहीं पढ़ाया था,
क्या,
तुम्हें लम्बे नाख़ून वाली ऑन्टी ने नहीं डराया था..?
चलो ब्रश करके आओ,
तकिये पे लेट जाओ
मैं.....तुम्हें..
लोरी सुनाऊंगी,
आज मैं.......बारिश लाऊंगी,
तुम,
कागज़ की नाव बनाना
फिर,
नानी के घर जाना
शाम को,
वापिस आ जाना.


2 comments:

  1. Bahut hi sunder Dil chooney wali Kavita❤️🧡💛💚💙💜

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  2. Bachpann ke maulikta.... kahi tum kahi hamm..

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चूड़ियों की खनक थी वहाँ, काँच की चुभन भी..... खामोश थी वह, कुछ हैरान भी लगातार, वह तलाशती है कुछ अनदेखा...... भीतर गहरे में कहीं गूँजत...